『Laal Chowk [Red Square]』のカバーアート

Laal Chowk [Red Square]

プレビューの再生

Audible会員プラン 無料体験

30日間の無料体験を試す
会員は、20万以上の対象作品が聴き放題
アプリならオフライン再生可能
プロの声優や俳優の朗読も楽しめる
Audibleでしか聴けない本やポッドキャストも多数
無料体験終了後は月会費1,500円。いつでも退会できます

Laal Chowk [Red Square]

著者: Rohin Kumar
ナレーター: Sumit Kaul
30日間の無料体験を試す

無料体験終了後は月額¥1,500。いつでも退会できます。

¥3,000 で購入

¥3,000 で購入

注文を確定する
下4桁がのクレジットカードで支払う
ボタンを押すと、Audibleの利用規約およびAmazonのプライバシー規約同意したものとみなされます。支払方法および返品等についてはこちら
キャンセル

このコンテンツについて

बीते कुछ समय से शेष भारत के लोगों के लिए कश्मीर राष्ट्रवाद के ‘उत्प्रेरक’ के तौर पर काम आने लगा है। ‘दूध माँगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर माँगोगे तो चीर देंगे’ जैसे फ़िल्मी डायलॉग के ज़रिए जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के भूगोल, इतिहास और संस्कृति-सभ्यता की बाइनरी में रखते हुए ‘पाने-खोने’ के विमर्शों में उलझाकर रख दिया गया है। इन सबके बीच कश्मीरियत भी है, जिस पर बात कम होती है। जम्मू-कश्मीर के लोग हैं, उनके मानवाधिकार, उनके नागरिक अधिकार हैं, तमाम गंभीर, मौखिक और कथित क़ानूनी आरोप झेलते घाटी के युवा हैं, जो अपना भविष्य अंधकार में पाते हैं। एक बड़ी आबादी है जिसके दिमाग़ पर एक युद्धरत कश्मीर की छाप जमती चली जा रही है। कश्मीर में सेना है, आफ़्स्पा है, निगरानी और तलाशी के अंतहीन सिलसिले हैं। भय है, दमन है, साहस भी है, प्रतिरोध भी है। ये चीज़ें आम जनमानस की ‘प्रमाणपत्रीय’ निर्णय लेने वाली चेतना में विचार या फ़ैसले के लिए जगह नहीं पातीं। ‘लाल चौक’ उन्हीं अनकहे और ‘साज़िशन’ अंधकार में धकेले जा रहे तथ्यों पर रोशनी डालती है, जो सिर्फ़ तथ्य भर नहीं हैं, कथ्य भर नहीं हैं, बल्कि एक बड़ी आबादी का जीवन हैं और जिन्हें दशकों से जिया जा रहा है।

Please note: This audiobook is in Hindi.

©2021 Rohin Kumar (P)2024 Audible, Inc.
国際関係

Laal Chowk [Red Square]に寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。