-
サマリー
あらすじ・解説
भरो उड़ान, की ये आसमान तुम्हारा है,
करो सृजन, हर साधन तुम्हारा है,
इच्छित गंतव्य का, पथ घोर कठीन है,
लड़ो, की अब ये संघर्ष तुम्हारा है।।1।।
क्षितिज को छुना है, नक्षत्र तोड़ लाने है,
यही तो बस प्रण तुम्हारा है,
क्या भला, क्या बुरा सब बीत जाएगा,
उम्मीद रखो, की आने वाला यह वक्त तुम्हारा है।।2।।
बिन विफलता, क्या सफलता?,
यदी मनोबल, शीखर सम ऊंचा तुम्हारा है,
प्रयत्न जारी बस तुम रखो,
वो रात तुम्हारी थी, ये दिन भी तुम्हरा है।।3।।
अविरत चलना, गुण धारा का,
यह गुण धरो, यही कर्मयोग तुम्हारा है,
क्या नदी, और क्या प्रवाह,
फिर यह सिंधु, सिंधु का ज्वार तुम्हारा है।।4।।
क्यों कुत्सित, क्लेशरत निज मन में,
नहीं वीर, ना यह ध्येय तुम्हारा है,
आत्मबल सम आयुध नहीं,
लो, की यह प्रतिशोध तुम्हारा हैं।।5।।
मार्ग में यदी अंधकार हो जाए, स्वदिप्त हो जाओ,
रुको नहीं, की न ये पड़ाव तुम्हारा है,
जलो यज्ञ समिधा सम,
ना भूलो, की ये जीवन अब अश्वमेध यज्ञ तुम्हारा है।।6।।
Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.