
राजस्थानी गीत 'घूघरी'
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नमस्कार श्रोताओं,
'हिंदी कहानियां' पॉडकास्ट में आपका हार्दिक स्वागत है। हमारे स्टूडियो की घड़ी में इस समय रात के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं। पूरा प्रदेश इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। अपने आप को गर्मी और लू से बचाकर रखें। कल के एपिसोड में इसी समय हम स्वास्थ्य विशेषज्ञों से 'लू से बचाव और उपाय' विषय पर उनके विचार सुनवाएँगे। इस भीषण गर्मी में ह्रदय को शीतलता प्रदान करने के लिए आज के इस एपिसोड में, हम आपके लिए फिर से एक अनूठी प्रस्तुति लेकर आए हैं। एक बार फिर आपको हमारे खास मेहमान, भूतपूर्व सैनिक श्री रतन सिंह जी हुड्डा की सुरीली आवाज में राजस्थानी गीत 'घूघरी' सुनाने जा रहे हैं।
श्रोताओं, हमारे राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत इतनी समृद्ध है कि लोक गीतों में यहाँ के किस्से और कहानियों की एक लंबी फेहरिस्त है। इनमें ननद-भोजाई, सास-बहू, देवरानी-जेठानी, देवर-भाभी, जीजा-साली आदि पात्रों द्वारा विरह, तकरार और प्रणय के किस्से कहानियाँ खूब लिखे गए हैं और आज भी बड़े चाव से गाए और सुने जाते हैं। उसी में से हम आपके लिए समय-समय पर कुछ अनूठा लेकर आते रहे हैं। इसी कड़ी में आज के इस एपिसोड में 'घूघरी' गीत प्रस्तुत है।
तो आप सुन रहे थे राजस्थानी लोकगीत 'घूघरी'। इसे अपनी हृदयस्पर्शी आवाज़ में गाया था श्री रतन सिंह जी हुड्डा ने। उनकी गायिकी में राजस्थान की समृद्ध विरासत की झलक और मिट्टी की खुशबू बखूबी अनुभव की जा सकती है।
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धन्यवाद!
सुनते रहिए 'हिंदी कहानियां'।