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サマリー
あらすじ・解説
कश्यप ऋषि की पत्नी देवी अदिति को विवस्वान, अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इन्द्र और त्रिविक्रम पुत्र हुए। ये बारह आदित्य कहलाये। इनमें से त्वष्टा का विवाह दैत्यों की छोटी बहन रचना से हुआ, जिनसे उनको दो पुत्र हुए – सन्निवेश और विश्वरूप। जब देवगुरु बृहस्पति ने इन्द्र से अपमानित होकर देवताओं का परित्याग कर दिया था, तब देवताओं ने विश्वरूप को ही अपना पुरोहित नियुक्त किया था। दैत्यों के भांजे होने के कारण, विश्वरूप देवताओं के लिए किए गए यज्ञों का आधा ताप दैत्यों को दे देते थे, इससे क्रोधित होकर इन्द्र ने उनका वध कर दिया। इन्द्र से अपने पुत्र के वध का बदला लेने के लिए त्वष्टा ने यज्ञ से वृत्र को जन्म दिया जो इन्द्र के स्वर्ग का सिंहासन छोड़ने का कारण बना। Vishwarupa Kashyap rishi’s wife devi Aditi had twelve sons, Vivaswana, Aryama, Pusha, Twashta, Savita, Bhag, Dhata, Vidhata, Varuna, Mitra, Indra and Trivikrama. विवस्वान, अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इन्द्र और त्रिविक्रमTogether they are called the twelve Adityas. Twashta was married to rachana, the younger sister of the Daityas, Rachana and they had two sons - Sannivesha and Vishwarupa. सन्निवेश और विश्वरूप When Devguru Brihaspati abandoned the Gods because of an insult by Indra, the Gods decided to appoint Vishwarupa as their preceptor. Because of histheir relationship with the Daityas, Vishwarupa would allocate half of the punya he earned from the yagyas conducted for the Devtas to the daityas. This angered Indra, the King of Gods, and who in a fit of rage he beheaded Vishwarupa. To avenge his son’s death Twashta created Vritra from a fire sacrifice and ordered him to kill Indra Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices