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サマリー
あらすじ・解説
राजा कृष्णदेव कुम्भ मेले में गये। अन्य दरबारियों के साथ पुरोहित भी गया। पुरोहित ख़ुद को राजा से कम न समझता और सबसे बुरा बर्ताव करता। तेनाली ने यह देख कर उसे पाठ पढ़ाने का निश्चय किया। फिर क्या हुआ। ट्यून इन करें और सुनें तेनाली रामा का ये मज़ेदार क़िस्सा।