• हज़ार दीनार कीमत, गुलाम से बना सेनापति…मगर कब्र तक लापता!: नामी गिरामी, Ep 294

  • 2025/03/03
  • 再生時間: 18 分
  • ポッドキャスト

हज़ार दीनार कीमत, गुलाम से बना सेनापति…मगर कब्र तक लापता!: नामी गिरामी, Ep 294

  • サマリー

  • एक हज़ार दीनार में खरीदा गया एक गुलाम जिसने अपनी चतुराई, बहादुरी और सत्ता के खेल में महारत हासिल कर दिल्ली सल्तनत की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का सफर तय किया. मलिक काफ़ूर—एक ऐसा नाम, जो कभी युद्ध के मैदान में अपनी तलवार की चमक से पहचाना गया तो कभी राजमहल के षड्यंत्रों में उलझा. गुजरात के खंभात की मंडी से दिल्ली सल्तनत का सेनापति बनने तक उसकी यात्रा सत्ता, विश्वासघात और महत्वाकांक्षा से भरी रही. वो अलाउद्दीन खिलजी का सबसे करीबी और भरोसेमंद योद्धा था जिसने दक्षिण भारत के समृद्ध राज्यों को झुका दिया और सल्तनत की सीमाओं का विस्तार किया. आज के 'नामी गिरामी' में कहानी गुलाम से सेनापति बने ‘मलिक काफ़ूर’ की.

    प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
    साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
    続きを読む 一部表示

あらすじ・解説

एक हज़ार दीनार में खरीदा गया एक गुलाम जिसने अपनी चतुराई, बहादुरी और सत्ता के खेल में महारत हासिल कर दिल्ली सल्तनत की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का सफर तय किया. मलिक काफ़ूर—एक ऐसा नाम, जो कभी युद्ध के मैदान में अपनी तलवार की चमक से पहचाना गया तो कभी राजमहल के षड्यंत्रों में उलझा. गुजरात के खंभात की मंडी से दिल्ली सल्तनत का सेनापति बनने तक उसकी यात्रा सत्ता, विश्वासघात और महत्वाकांक्षा से भरी रही. वो अलाउद्दीन खिलजी का सबसे करीबी और भरोसेमंद योद्धा था जिसने दक्षिण भारत के समृद्ध राज्यों को झुका दिया और सल्तनत की सीमाओं का विस्तार किया. आज के 'नामी गिरामी' में कहानी गुलाम से सेनापति बने ‘मलिक काफ़ूर’ की.

प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह

हज़ार दीनार कीमत, गुलाम से बना सेनापति…मगर कब्र तक लापता!: नामी गिरामी, Ep 294に寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。