DIVINE MYTHOLOGY

著者: Divine Mythology
  • サマリー

  • This is a DIVINE MYTHOLOGY Podcast hosted in Hindi language. In this podcast, we will talk about mythological stories. Email ID: divinemythologyofficial@gmail.com
    Divine Mythology
    続きを読む 一部表示

あらすじ・解説

This is a DIVINE MYTHOLOGY Podcast hosted in Hindi language. In this podcast, we will talk about mythological stories. Email ID: divinemythologyofficial@gmail.com
Divine Mythology
エピソード
  • #02 : GANESH CHATURTHI | गणेश चतुर्थी क्‍यों मनाते हैं? | गणेशजी की पूजा सबसे पहले क्‍यों होती है ?
    2023/09/14
    कहते है एक बार माता पार्वती स्नान करने जा रही थी. तभी प्रवेश द्वार पर पहरेदारी करने के लिए उन्होंने अपने शरीर के मैल से एक मूर्त रूप बनाया. और उसमें प्राण डालकर एक सुन्दर बालक का रूप दे दिया. माता पार्वती,ने उस बालक का नाम गणेश रखा और उसे आदेश दिया कि मै स्नान करने जा रही हु, तुम द्वार पर ही खड़े रहना और बिना मेरी आज्ञा के किसी को भी द्वार के अंदर प्रवेश करने मत देना. बालक गणेश द्वार पर पहरेदारी कर रहे होते है कि तभी वहां पर भोलेनाथ आ जाते हैं और जैसे ही अंदर जाने वाले होते है  बालक गणेश  उन्हें वहीँ रोक देता है. भोलेनाथ जी उस बालक को उनके रास्ते से हटने के लिए कहते हैं लेकिन वह बालक माता पार्वती की आज्ञा का पालन करते हुए, भगवान शंकर को अंदर प्रवेश करने से रोकता है. जिसके कारण भगवान शंकर क्रोधित हो जाते हैं और क्रोध में अपनी त्रिशूल निकल कर उस बालक की गर्दन को धड़ से अलग कर देते हैं। गणेश जी का सिर कही दूर गिर जाता है।  बालक की दर्द भरी आवाज को सुनकर जब माता पार्वती बाहर आती है तो वो गणेश जी के धड़ को देखकर बहुत दुखी हो जाती हैं. वे भगवान शंकर को बताती है कि वो उनके द्वारा बनाया गया बालक था जो उनकी आज्ञा का पालन कर रहा था. क्रोध में आकर माता पार्वती काली का रूप ले लेती है और भगवान शंकर से उनके पुत्र को पुनर्जीवित करने के लिए बोलती है। अन्यथा शृष्टि में प्रलय आ जाएगा।  शिवजी विष्णुजी से आग्रह करते है उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव जिसके बच्चे की माँ अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो, उस बच्चे का सिर काटकर ले आये. विष्णु जी को एक हाथी का बच्चा दिखाई देता है. जिसकी माँ उसकी तरफ पीठ करके सो रही होती है. भगवान विष्णु उस हाथी के बच्चे का सिर काटकर ले आते है। फिर भगवान् शंकर जी, उस हाथी के सिर को बालक गणेश के सिर स्थान पर लगाकर उसे पुनः जीवित कर देते हैं. ऐसा माना जाता है की चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए यह त्यौहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
    続きを読む 一部表示
    10 分
  • #01 : SHREE KRISHNA JANAM KATHA | श्री कृष्ण जन्म कथा
    2023/09/07
    पौराणिक कथाओं के अनुसार , द्वापरयुग में मथुरा में राजा उग्रसेन का शासन था। राजा उग्रसेन और उनकी पत्नी पद्मावती से उनका एक पुत्र हुआ था जिसका नाम कंस था।  कंस बहुत ही दुष्ट और चालक था। उसने धोखे से अपने पिता राजा उग्रसेन को गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया।  वासुदेव जो की वृष्णि वंश के राजा थे , कंस उनका राज्य हथियाना चाहता था इसलिए उसने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से करवा दिया।  जब कंस अपनी बहन को उसके ससुराल लेकर जा रहा था रास्ते में एक भविष्यवाणी हुई “ हे कंस जिस बहन को तू ख़ुशी खुशी विदा कर रहा है उसका 8वा पुत्र ही तेरा काल होगा और उसके हाथों ही तेरी मृत्यु होगी।  यह सुनकर कंस देवकी को मारने के लिए बस जाने ही वाला होता है की वासुदेव उससे विनती करता  है कि देवकी के गर्भ से जो भी संतान होंगी उसे मैं तुम्हे सौंप दूंगा।  कंस वासुदेव की बात मान लेता है और वासुदेव और देवकी को कारागृह में बंदी बना लेता है।  वासुदेव और देवकी के एक एक करके सात संताने होती है जिसे कंस मार देता है। जब उनकी 8वी संतान होने वाली होती है तो कारागृह में कड़ा पहरा लगा दिया जाता है।  जब देवकी गर्भवती थी और भगवान श्री कृष्ण को जन्म देने वाली थी। नन्द और यशोदा को भी बच्चा होने वाला था।  नन्द और वासुदेव चचेरे भाई थे।  जब श्री कृष्ण जन्म लेने वाले थे तब आसमान में घने बादल छाए थे, तेज बारिश हो रही थी, बिजली कड़क रही थी.  कारागृह में अचानक प्रकाश हुआ और उसी समय वासुदेव और देवकी के सामने भगवान श्री विष्णु प्रकट हुए और उन्हें कहा कि वे देवकी के गर्भ से उनके आठवें पुत्र के रूप में जन्म लेंगे. भगवान विष्णु ने कहा कि वासुदेव तुम मुझे इसी क्षण वृन्दावन में नन्द के घर छोड़ आओ। और उनके यहाँ जो कन्या जन्मी है उसे लाकर कंस को सौंप दो। तुम चिंता न करो। सारे पहरेदार अपने आप सो जायँगे। कारागृह का दरवाजा खुल जायेगा और उफनती हुई यमुना नदी तुम्हे उस पार जाने का मार्ग दिखाएगी।  रात्रि ठीक 12 बजे जब वासुदेव और देवकी को पुत्र पैदा हुआ ,उसी समय नन्द और यशोदा को एक पुत्री की प्राप्ति हुई जो कोई और नहीं माया थी।  आदेशानुसार वासुदेव नवजात शिशु को एक टोकरी में रखकर मध्य रात्रि को कारागृह से निकल पड़े। जब वह यमुना नदी पार कर रहे थे तो बहुत बारिश हो रही थी तब शेषनाग...
    続きを読む 一部表示
    7 分

DIVINE MYTHOLOGYに寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。