エピソード

  • तिलकुट की चौथ की कहानी | तिलकुटा चौथ की कथा | तिलकुटा चौथ व्रत कथा | tilkut chauth ki katha
    2023/01/09

    एक साहुकार हो, बींक टाबर टूबर कोई कोनी हो । माह को महिनो आयो। लुगाया चौथ की पूजा करण बैठी । बाबठ चली गयी । लुगायां न बोली कि थे कांई करो ? बे बोली, म्हे चौथ माता की पूजा करां । ई सू कांई हुव। लुगायां बोली, अनपुत्रा न पुत्र हुवे, बिछडया को मेंल हुव, अन्न धन हुब, चौथ माता सुवाग देव ।

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    3 分
  • विनायक जी की खीर वाली कहानी | vinayak ji ki katha
    2023/01/01

    एक बार विनायकजी टावर बन्योडा चिमटी म चांवल चिमचा म दूध लेर गांव म फिरया कोई खीर रांध दयो । लुगायां कहयो महाराज म्हान फुरसत कोनी ।

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    2 分
  • स्नान करने के नियम | राक्षसी स्नान | स्नान कब करना चाहिए | Snan Kab Karna Chahiye
    2022/12/27

    हमारे हिंदू धर्म ग्रंथो मे सुबह के स्नान को चार उपनामो के रूप मे बताया गया है

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    2 分
  • बिंदायक जी की कहानी करवा चौथ की | Bindayak Ji Ki Kahani Karwa Chauth
    2022/12/12

    एक छोटो सो छोरो आपका घरां से लड़ कर निकलगो और बोल्यो कि आज तो बिन्दायकजी स मिलकर ही घरां पाछो जाऊँगा ।

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    1 分
  • हत्था जोड़ी पौधा | हत्था जोड़ी के फायदे | हत्था जोड़ी जड़ी बूटी | Hatha Jodi Ka Paudha
    2022/12/11

    हत्थाजोड़ी, एक पौधे की अत्यंत दुर्लभ जड़ है । जिसे महाकाली और कामख्या देवी का रूप माना जाता है ।

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    2 分
  • विनायक जी की कहानी | विनायक जी की व्रत कथा | Vinayak Ji Ki Kahani | Vinayak Ji Ki Vrat Katha
    2022/12/11

    एक गणेशजी हा, न्हा धोकर, राजा का डावा गोखा म भार बैठ जवता । राजा की सवारी निकलती, जणा, पूछतो थे अठ ही अठ बेठो हो, थांक भी की काम ह की नहीं ।

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    2 分
  • लपसी तपसी की कहानी - १ (मारवाड़ी मे) | Lapsi Tapsi Ki Kahani -1 (In Marwari)
    2022/12/04

    एक तपस्वी हो । रोज तपस्या करतो । नारद जी वीणा बजाता बजाता आया नारद जी बोल्या तप्या तपी ह क लौभी ह ?

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    2 分
  • बामाखेपा स्टोरी इन हिंदी | बामाखेपा तारापीठ | Bamakhepa story | Sri Bamakhepa of Tarapith
    2022/12/04

    इस घटना के बाद बामाखेपा की अलौकिकता के बारे में लोगों को पता लगा। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ बामाखेपा की तारा पीठ में बढ़ने लगी। कोई बीमार आता तो बामाखेपा उस पर हाथ फेर देते तो वह स्वस्थ हो जाता। निसंतानों को संतान की प्राप्ति हो जाती। सभी आगंतुकों की इच्छा और मनोकामना तारापीठ में पूरी होने लगी।

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    5 分