エピソード

  • Maharishi Durwasa l महर्षि दुर्वासा
    2024/10/11
    ब्रह्माण्ड पुराण के अध्याय 44 के अनुसार ब्रह्मा और शिव के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जब देवता डरकर उनके सामने से भाग गए तो शिव बहुत क्रोधित हो गए। उनकी पत्नी पार्वती ने शिकायत की कि अब शिव के साथ रहना असंभव है। उनके क्रोध से मची अराजकता को महसूस करते हुए, शिव ने इस क्रोध को ऋषि अत्रि की पत्नी अनसूया में जमा कर दिया । अनसूया में जमा शिव के इस अंश से एक बच्चे का जन्म हुआ, जिसका नाम 'दुर्वासा' (अर्थात जिसके साथ रहना मुश्किल हो ) रखा गया। चूँकि वह शिव के क्रोध से पैदा हुआ था, इसलिए उसका स्वभाव चिड़चिड़ा था।
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    9 分
  • जयद्रथ
    2024/08/23
    हिन्दू धर्म के महाकाव्य महाभारत में जयद्रथ सिंधु प्रदेश के राजा थे। इनका विवाह कौरवों की एकमात्र बहन दुःशला से हुआ था। जयद्रथ सिंधु नरेश वृद्धक्षत्र के पुत्र थे। वृद्धक्षत्र के यहाँ जयद्रथ का जन्म काफी समय बाद हुआ था और उन्हें साथ ही यह वरदान प्राप्त हुआ कि जयद्रथ का वध कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर पायेगा।
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    5 分
  • शिशुपाल
    2024/08/20

    प्रभु श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को अपनी गलतियां सुधारने का काफी वक्त दिया परंतु शिशुपाल की दुष्ट बुद्धि और अहंकार ने उसको काल के मुख में भेज दिया ।

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    8 分
  • जरासंध
    2024/08/15
    जरासंध महाभारत कालीन मगध राज्य के नरेश थे । सम्राट जरासंध ने बहुत से राजाओं को अपने कारागार में बंदी बनाकर रखा था पर उसने किसी को भी मारा नहीं था। इसका कारण यह था कि वह चक्रवर्ती सम्राट बनने की लालसा हेतु ही वह इन राजाओं को बंदी बनाकर रख रहा था ताकि जिस दिन 101 राजा हों और वे महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी बलि दे सके। वह मथुरा के नरेश कंस का ससुर एवं परम मित्र था उसकी दोनो पुत्रियो अस्ति और प्राप्ति का विवाह कंस से हुआ था। श्रीकृष्ण से कंस के वध का प्रतिशोध लेने के लिए उन्होंने १७ बार मथुरा पर चढ़ाई की लेकिन जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण को मथुरा छोड़ कर जाना पड़ा फिर वो द्वारिका जा बसे, तभी उनका नाम रणछोड़ कहलाया।
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    10 分
  • नागकन्या उलूपी
    8 分
  • द्रौपदी कथा
    9 分
  • बकासुर का अंत
    6 分
  • श्री कृष्ण विवाह
    10 分