エピソード

  • Trump का Report Card, Trudeau की चूक, Mark Carney के वादे और Canada में PR का हालः पढ़ाकू नितिन, Ep 202
    2025/05/05
    ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे हो चुके हैं और अब वक्त है ये परखने का कि क्या उन्हें सिर्फ मज़ा आ रहा है या वो जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. उधर, अमेरिका के पड़ोसी कनाडा में चुनाव हुए और नतीजों ने सबको चौंका दिया. अमेरिका चुनावी मुद्दा था लेकिन वहां की जनता ने ट्रंप के विरोध में खड़े हुए मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री बना दिया—एक ऐसा नाम जो अब तक सिर्फ अर्थशास्त्र और बैंकिंग की दुनिया में जाना जाता था. ‘पढ़ाकू नितिन’ में बात होगी ट्रंप और कार्नी की शुरुआती पारी की और इस नई वैश्विक राजनीति का भारत पर क्या असर पड़ सकता है. इस बातचीत के लिए हमारे साथ हैं वॉशिंगटन डीसी से वरिष्ठ पत्रकार रोहित शर्मा. हमने उनसे जाना कि ट्रूडो की भारत से टकराव की कीमत उन्हें कैसे चुकानी पड़ी, कार्नी ने कनाडा का मूड कैसे बदला, ट्रंप अपनी बात सबसे कैसे मनवाते हैं और आखिर मस्क ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन में क्यों नहीं फिट हो पा रहे, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.
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    1 時間 3 分
  • India पर Attack का दबाव, Pakistan में कितनी ताक़त और Trump-China-Saudi किसके साथ?: पढ़ाकू नितिन, Ep 200
    2025/04/28
    जब सरहद पार से गोलियां चलती हैं, तो उनकी गूंज हमारे रिश्तों और रणनीतियों तक पहुँचती है. पहलगाम के ताज़ा हमले ने फिर सवाल उठाया है — भारत-पाकिस्तान के बीच अब बातचीत की गुंजाइश है या टकराव तय है? भारत ने अब पाकिस्तान से निपटने का तरीका बदल दिया है — कूटनीति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नए सधे हुए कदम उठाए जा रहे हैं. खासतौर पर पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर अलग-थलग करने की रणनीति पर चर्चा हो रही है.
    सवाल है — क्या यह रणनीति काम कर रही है? या तनाव पूरे दक्षिण एशिया को संकट में धकेल रहा है? इन्हीं मुद्दों पर आज हमारे साथ हैं प्रोफेसर मोहसिन रज़ा खान — अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा मामलों के जानकार. हमने उनसे पूछा — पहलगाम के बाद भारत की रणनीति कैसी बदली? पाकिस्तान की कौन सी कमजोरी उसके लिए ताकत बन सकती है? दोनों देश अब तक परमाणु टकराव के कितने करीब आए हैं? और भारत सरकार किन दबावों के बीच फैसले ले रही है?
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    1 時間 8 分
  • Pahalgam Attack की तैयारी, Kashmir में आतंक का नया चेहरा और India कैसे लेगा बदला?: पढ़ाकू नितिन, Ep 199
    2025/04/24
    22 अप्रैल, पहलगाम. बर्फीली वादियाँ, शांत घाटियाँ — लेकिन उस दिन वहाँ सिर्फ़ चीखें थीं.बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 28 लोग मारे गए — 24 पर्यटक, 2 स्थानीय, 2 विदेशी. 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए. इस हमले की ज़िम्मेदारी ली दी रेजिस्टेंस फ्रंट ने — जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है. प्रधानमंत्री ने विदेश दौरा बीच में छोड़ा, गृहमंत्री मौके पर पहुँचे. चार साल में सात गुना बढ़े टूरिज़्म पर अब ब्रेक लग गया है. कश्मीर जितना हसीन है, उतना ही संवेदनशील भी. शांति यहाँ इतनी मुश्किल क्यों है? इन्हीं सवालों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं डॉ. अभिनव पांड्या — कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए, Usanas Foundation के संस्थापक, और सुरक्षा विषयों पर तीन किताबों के लेखक.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    1 時間 18 分
  • US-China के Tariff War में India के लिए Opportunity और JD Vance का Offer: पढ़ाकू नितिन, Ep 198
    2025/04/21
    अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ़ वॉर शुरू हो गया. ट्रंप का सपना था – “Make America Great Again”, यानी अमेरिका फिर से मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बने. उन्हें खल रहा था कि चीन से तीन गुना ज़्यादा सामान मंगवाकर अमेरिका व्यापार घाटा झेल रहा है. उनके लिए ये सिर्फ आर्थिक नहीं, “इगो” का भी मामला था. इसलिए 2 अप्रैल को ट्रंप ने 90 देशों के सामान पर भारी टैक्स लगा दिए और इस दिन को Liberation Day कहा – विदेशी माल से आज़ादी का दिन. चाहे चीन के मोबाइल पार्ट्स हों, यूरोप की कारें, भारत की दवाइयाँ या मैक्सिको की मशीनें – सब महंगे हो गए हैं. लक्ष्य है: विदेशी कंपनियाँ हटें, अमेरिकी कंपनियाँ बढ़ें. लेकिन सवाल ये है – क्या अमेरिकी लोग महंगे लोकल सामान को चुनेंगे? क्या अमेरिका फिर से उत्पादन में अग्रणी बन पाएगा? इन्हीं सवालों पर बात करेंगे अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे से.

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    1 時間 9 分
  • Ex Army Chief ने बताया India China Galwan Face Off का सच और Agniveer के फायदे: पढ़ाकू नितिन, Ep 197
    2025/04/17
    भारत के 28वें सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे हमारे साथ हैं, उनका सफर एक कैडेट से लेकर सेना प्रमुख बनने तक और अब लेखक के रूप में एक नई भूमिका में प्रवेश करना, कई ऐतिहासिक पड़ावों से होकर गुज़रा है. इस एपिसोड में हमने बात की गलवान संकट, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड, LAC पर चीन से तनाव, अग्निवीर योजना, श्रीलंका में भारत की रणनीति और पाकिस्तान की सेना से हमारी तुलना पर. साथ ही चर्चा की उनकी नई किताब "The Cantonment Conspiracy", जो एक रोमांचक मिलिट्री थ्रिलर है.

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    1 時間 48 分
  • Nuclear Test के पहले का डर, Atal Bihari Vajpayee की Lahore Bus यात्रा और ISI की साजिश: पढ़ाकू नितिन, Ep 196
    2025/04/10
    भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं—विभाजन से लेकर युद्धों और कारगिल तक और उसके बाद भी. 'पढ़ाकू नितिन' में हमारे साथ हैं पूर्व राजनयिक शरत सभरवाल, जिन्होंने पाकिस्तान में भारत के डिप्टी और फिर हाई कमिश्नर के रूप में काम किया. वे हमें बताते हैं कि भारत-पाक संबंध क्यों सामान्य नहीं हो सकते, कैसे उन्होंने पाकिस्तान के जासूसों को चकमा दिया और बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग कैसे पाकिस्तान के लिए चुनौती बनती जा रही है. हम बलूच आंदोलन के इतिहास, नवाब बुगती की हत्या और भारत की भूमिका पर भी चर्चा करते हैं, सुनिए ये बातचीत जो पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति, जासूसी तंत्र और अलगाववाद को गहराई से समझने में मदद करेगी.

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    1 時間 41 分
  • Waqf Law का पूरा सच, Muslims का फायदा-नुकसान और Modi का Masterstroke: पढ़ाकू नितिन, Ep 195
    2025/04/07
    12वीं सदी में मोहम्मद गोरी ने जब भारत में सत्ता स्थापित की, तो वक्फ़ की परंपरा भी शुरू हुई. आज वक्फ़ सिर्फ़ एक धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी ज़मीन की मालिक है — करीब 9.4 लाख एकड़. अब वक्फ़ क़ानून में बदलाव हो चुका है — Waqf (Amendment) Act, 2025 पास हो गया है और इसके साथ कई सवाल भी उठ रहे हैं. क्या ये संशोधन धार्मिक आज़ादी पर असर डालेगा? क्या इससे मुसलमानों की ज़मीनें ख़तरे में पड़ेंगी? इन्हीं सवालों पर बात करने हमारे साथ हैं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजय घोष.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    1 時間 12 分
  • Pakistan Army की दरिंदगी, Taliban का साथ और Iran से नफरत पर क्या बोले Germany में बैठे बलूच नेता: पढ़ाकू नितिन, Ep194
    2025/04/03
    बलूचिस्तान की आज़ादी की गूंज दुनिया भर में सुनाई दे रही है और ऐसी ही एक बुलंद आवाज़ हैं मुमताज़ बलोच. तुरबत से ताल्लुक रखने वाले मुमताज़ फिलहाल जर्मनी में निर्वासन का जीवन बिता रहे हैं. छात्र जीवन से ही आज़ादी की तहरीक से जुड़े, पहले बलूच स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन फ्रीडम के सदस्य रहे और अब फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट का हिस्सा हैं.

    इस पॉडकास्ट में हमने मुमताज़ से पूछा – ईरान से आज़ादी की मांग क्यों उतनी ज़ोर से नहीं उठती जितनी पाकिस्तान से? बाग़ियों को हथियार कहां से मिलते हैं? उन्हें पाकिस्तान से भागने की नौबत क्यों आई? और बलूचिस्तान को दुनिया से कैसी मदद की उम्मीद है?
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    1 時間 34 分