エピソード

  • कहानी। अंधेर। मुंशी प्रेमचन्द
    2024/06/30

    जब समाज में जागरूकता का अभाव हो जाता है। तब शोषण किसी न किसी रूप में दिखाई देने लगता है। इस कहानी में हमें देखने को मिलता है कि किस तरह गांव का एक नौजवान पहलवान ‘गोपाल’ इसकी चपेट में आ जाता है, और वह चाहते हुए भी अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाता।

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    16 分
  • कहानी। प्रतिध्वनि। जयशंकर प्रसाद
    2024/01/26

    यह कहानी जयशंकर प्रसाद के तीसरे कहानी संग्रह ‘आकाशदीप’ में संकलित है, जिसका प्रकाशन सन् 1929 में हुआ था।

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    12 分
  • कहानी। जुर्माना। मुंशी प्रेमचंद
    2024/01/26

    तंगहाली में जीवन व्यतीत करने वाली ‘अल्ला रक्खी’ जुर्माने से बचने का पूरा प्रयास करती है लेकिन हमेशा असफल रहती है। हर महीने उसके वेतन से कुछ न कुछ रूपए कट ही जाते हैं। यही कारण है कि वह दरोगा को हमेशा कोसती रहती है लेकिन फिर एक घटना दरोगा के प्रति उसके दृष्टिकोण को बदल देती है।

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    11 分
  • कहानी। अमराई। सुभद्राकुमारी चौहान
    2024/01/26

    देश भक्ति का पाठ सिखाने वाली कहानी।

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    9 分
  • कहानी। ध्रुव निवासी रीछ का शिकार। लियो टाल्सटॉय
    2024/01/25

    अनुवाद- मुंशी प्रेमचंद

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    11 分
  • लघु कथा । कैदी। ओ॰ हेनरी
    2023/09/23

    जिस बालक में चित्रकार को ईसा की छवि दिखाई दी थी। वर्षों बाद उससे मिलकर वह आश्चर्य चकित हो गया।

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    3 分
  • कहानी। हरिचरण। शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय
    2023/08/27

    एक बालक के साथ ऐसी क्रूरता देख किसी का भी खून खौल जाए।

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    10 分
  • कहानी । यह मेरी मातृभूमि है । मुंशी प्रेमचन्द
    2023/07/04

    जो सुख मातृभूमि में रहने पर मिलता है। वह दुनिया के किसी भी कोने में नहीं मिल सकता।

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    18 分