
Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 75
カートのアイテムが多すぎます
ご購入は五十タイトルがカートに入っている場合のみです。
カートに追加できませんでした。
しばらく経ってから再度お試しください。
ウィッシュリストに追加できませんでした。
しばらく経ってから再度お試しください。
ほしい物リストの削除に失敗しました。
しばらく経ってから再度お試しください。
ポッドキャストのフォローに失敗しました
ポッドキャストのフォロー解除に失敗しました
-
ナレーター:
-
著者:
このコンテンツについて
यह श्लोक श्री भगवद गीता के 3.75 का अंश है। इसमें संजय कहते हैं:
"मैंने इस अद्भुत और गूढ़ योग के ज्ञान को श्री कृष्ण से स्वयं सुनकर, उनके द्वारा बताए गए इस परम रहस्यमय उपदेश को व्यास जी की कृपा से सुना है।"
संजय यहाँ यह बता रहे हैं कि उन्होंने यह दिव्य ज्ञान भगवान श्री कृष्ण से स्वयं सुना है, और यह ज्ञान उन्हें व्यास जी के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है। संजय भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों की गहराई और महिमा को समझते हुए, इसका वर्णन करते हैं।
Here are some hashtags you can use for this shloka:
#BhagavadGita #Sanjay #Vyas #Krishna #DivineWisdom #Yoga #SpiritualTeachings #SacredKnowledge #AncientPhilosophy #GitaShloka #SelfRealization #YogaSutra #SpiritualAwakening #SacredText #InnerJourney