エピソード

  • Chatrapati
    2022/08/06

    स्वराज्य की कल्पना एवं मुगलो पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए शिवाजी ने राज्याभिषेक की बात अपने प्रियजनों से कही, किन्तु कुछ उनकी इस बात से नाखुश भी हुए।आखिर वो कौन लोग थे जो शिवाजी महाराज के आसपास रहते हुए उनसे ईर्ष्या, द्वेष की भावना रखते थे। सभी लोगो के साथ प्रेम भावना और अपने पैन का व्यवहार करने के बाबजूद शिवाजी से कौन नफरत कर सकता था। आखिर उन लोगो के होने या न होने से शिवाजी के राज्याभिषेक में क्या परेशानियां आने वाली थी और आखिर क्यों। इस सबका जवाब मिलेगा हमे हमारे अगले एपिसोड में।

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    21 分
  • Tanhaji Ka Balidaan
    2022/08/06

    शिवाजी और हीरोजी औरंगज़ेब के चंगुल से निकल कर रायगढ़ पहुंच गए थे। जहाँ शिवाजी ने पुनः उन किलो को जीतने की योजना जो मुगलो ने छीन लिए थे। उनकी योजना में और माँ साहेब के स्वप्न में सबसे पहला किला था कोंढाणा, जिसे जीत कर पहले अपना स्वाभिमान हासिल करना था। कित्नु कोंढाणा जीतने के लिए सिर्फ एक योद्धा की जरुरत थी। आखिर वो कौन योद्धा था, कौन इनता बलशाली था, जो कोंढाणा को मराठो के अधिकार में शामिल कर देगा। शिवाजी की आगे की योजना और उस वीर महायोध्या जो स्वराज्य के इस सफर में शिवाजी का दाहिना हाथ बनेगा। इन सबके बारे में हम जानेगे अपने अगले एपिसोड में!

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    18 分
  • Swarajya Vistaar
    2022/08/05

    अपना बदला लेने के लिए औरंगज़ेब ने शिवाजी को नज़रबंद कर लिया। जिससे निकलने के लिए शिवाजी ने एक योजना बनाई और अपने सहायक हीरोजी की सहायत से किले के बाहर निकल गए किन्तु उनके स्थान पर हीरोजी जिन्हे महल से बाहर आना था। आखिर कैसे हीरोजी इतने सख्त पहरे से निकल पाएंगे या फिर पकड़े जायेगे ? और अगर पकड़े गए तो क्या वह औरंगज़ेब के सामने इतने कमज़ोर हो जायेगे कि शिवाजी की योजना के बारे में बता देंगे। जानना बहुत दिलचस्प होगा कि आखिर क्या होगा इस स्वराज्य यात्रा में, यह जानेगे हम अगले एपिसोड में।


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    18 分
  • Kutumb Sahyog
    2022/08/05

    मर्दुभाषी औरंगज़ेब की बातों से प्रभावित होकर शिवाजी आगरा आ तो गए, किन्तु दरबार में शिवाजी के साथ जो हुआ उससे वह बिना इजाज़त के मुग़ल दरबार से बाहर चले गए। रामसिंह शिवाजी को दोबारा दरबार में ला पाने में नाकाम हो गए थे। इससे औरंगज़ेब तमतमा उठा था। दरबार के चारो और सन्नाटा था। तभी मुगल दरबार में एक ज़ोरदार हसी गुजने लगी। आखिर वो कौन था। जिसने इस शांति को भांग किया था। क्या वो शिवाजी थे या कोई और। इसके साथ साथ ये भी जानना दिलचस्प होगा कि औरंगज़ेब अपनी ना फ़रमानी का बदला शिवाजी से कैसे लेगा। क्योंकि शिवाजी अब औरंगज़ेब की गिरफ्त में ही थे। आगे क्या होगा ये कहानी कौन सा मोड़ लेगी जानेगे हम अगले एपिस episode!

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    19 分
  • Swabhimaan Ki Raksha
    2022/08/05

    खुद को मजबूत और स्वराज्य को आगे बढ़ाने के लिए शिवाजी महाराज ने जयसिंह के साथ पुरंदर की संधि की बात मान ली और उनकी शर्तों को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद औरंगज़ेब के कहने पर जयसिंह ने शिवाजी को उन्हें उनके पुत्र के साथ आगरा जाने का आग्रह भी किया,किन्तु शिवाजी ने आगरा जाना अस्वीकार कर दिया। जिसके बाद औरंगजेब ने शिवाजी को मानाने के लिए शाही कपड़े, तोहफे और 1 लाख रूपये भी भिजवाए। तो आखिर इस पत्र का शिवाजी पर क्या प्रभाव पड़ेगा। क्या शिवाजी औरंगज़ेब से मिलने जायेगे या नहीं और आखिर क्यों शिवाजी सभी शर्तों को मान गए थे.... आखिर क्या चल रहा था दोनों के दिमाग में ? ये सब हम जानेगे हमारे अगले एपिसोड में।


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    20 分