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サマリー
あらすじ・解説
बच्चो, कोई तुम्हें धोखा न दे। जो धार्मिकता का आचरण करता है, वह धर्मी है, ठीक वैसा ही जैसा वह धर्मी है। जो पाप करता है वह शैतान से है, क्योंकि शैतान आरम्भ से ही पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे। (1 यूहन्ना 3:7–8) जब 1 यूहन्ना 3:8 कहता है, “परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे,” ये “शैतान के कार्य” क्या हैं जो उसके विचार में हैं? इसके सन्दर्भ से इसका उत्तर स्पष्ट हो जाता है। सबसे पहले, 1 यूहन्ना 3:5 एक स्पष्ट समानान्तर है: “तुम जानते हो कि वह इसलिए प्रकट हुआ कि पापों को हर ले जाए।” यह वाक्याँश कि वह इसलिए प्रकट हुआ पद 5 और पद 8 दोनों में आता है। इसलिए सबसे बड़ी सम्भावना यह है कि “शैतान के कार्य” जिनका यीशु विनाश करने के लिए आया था पाप ही हैं। पद 8 का पहला भाग इस बात को सुनिश्चित करता है: “जो पाप करता है वह शैतान से है, क्योंकि शैतान आरम्भ से ही पाप करता आया है।” इस सन्दर्भ में विषय पाप करना है, बीमारी या बिगड़ी गाड़ी या कार्यक्रमों की गड़बड़ी नहीं है। यीशु संसार में आया जिससे कि वह हमें पाप करने से रुके रहने में सक्षम बनाए। हम इसे और भी स्पष्ट रूप से देखने पाते हैं यदि हम इस सत्य को 1 यूहन्ना 2:1 में पाये जाने वाले सत्य के साथ रखते हैं: “मेरे बच्चो, मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो।” यह क्रिसमस के महान् उद्देश्यों में से एक है—देहधारण के महान् उद्देश्यों में से एक (1 यूहन्ना 3:8)। परन्तु एक और उद्देश्य है जो 1 यूहन्ना 2:1–2 में यूहन्ना जोड़ता है, “परन्तु यदि कोई पाप करता है तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात् यीशु ख्रीष्ट जो धर्मी है; वह स्वयं हमारे पापों का प्रायश्चित्त है, और हमारा ही नहीं वरन् समस्त संसार के पापों का भी।” परन्तु आइए अब देखें कि इसका क्या अर्थ है: इसका अर्थ है कि यीशु संसार में दो कारणों से प्रकट हुआ था। वह आया कि हम पाप में बने न रहें—अर्थात्, वह शैतान के कार्यों को नष्ट करने के लिए आया (1 यूहन्ना 3:8); और वह इसलिए भी आया कि यदि हम पाप करें, तो वह हमारे पापों का प्रायश्चित्त हो सके। वह एक ऐसे प्रतिस्थापनीय बलिदान के रूप में आया जो हमारे पापों के प्रति परमेश्वर के प्रकोप को दूर करता है। इस दूसरे उद्देश्य का परिणाम...