मशहूर साइकोलोजिस्ट शालिनी भटनागर की लाइफ बिलकुल परफेक्ट थी। मुंबई शहर में एक शानदार घर, एक केयरिंग पति, दो बच्चे, और एक कामियाब करियर। पर एक रोज़, भीड़ से भरे, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर शालिनी, कुछ ऐसा कर बैठी जिससे उसकी पूरी ज़िन्दगी बदल गयी। उसका एक क्लाइंट, वही स्टेशन पर खड़ा, ट्रैन का इंतज़ार कर रहा था। अपने कंधे पर डफल बैग लटकाये, वो अपने फ़ोन में कुछ देख रहा था। ट्रैन प्लेटफार्म पर आ ही रही थी, के शालिनी ने अचानक उस आदमी को धक्का दे दिया और वो चलती ट्रैन के सामने पटरी पर जा गिरा। शालिनी के क्लाइंट्स अक्सर उससे झूठ बोलते हैं। पर एक झूठ शायद उससे उसका सब कुछ चीन ले। झूटों और ढोकों से भरी शालिनी की दुनिया से रूबरू होने के लिए, सुनिए "नक़ाब"।
इस शो में वयस्क श्रोताओं के लिए दुववचन, अपमानजनक भाषा और प्रौढ़ ववषय-सामग्री है, जजसमें अंतरंग दृश्य भी शालमि है, जो कहानी का आधार हैं। यह पूरी तरह से काल्पननक है और वास्तववक व्यजततयों, व्यवसायों, स्थानों या घटनाओं से समानता संयोगगक है। ककसी भी रूप में ड्रग्स, तंबाकू और शराब के सेवन को शो के ननमावण के एकमात्र उद्देश्य से ररकॉर्व ककया गया है। कोई भी अलभनेता ड्रग्स, तंबाकू या शराब के सेवन का समथवन / प्रचार नहीं करता है । यह शो ककसी व्यजतत, संस्था, जानत, समुदाय, नस्ि, या धमव को ठेस पहुंचाने या ननंदा करने या ककसी संस्था या व्यजतत, जीववत या मृत को बदनाम करने के लिए नहीं है और इसका इरादा ककसी भी व्यजतत, संस्था, वगव या समुदाय की ककसी भी धालमवक भावनाओं, ववश्वासों या भावनाओं को ठेस पहुुँचाने/अपमाननत या बदनाम करने का नहीं है। शो में दी जाने वािी गचककत्सा सिाह को पेशेवर गचककत्सा सिाह के ववकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहहए। इस शो में आत्म-नुकसान या हमिे के उदाहरण हैं जो कुछ श्रोताओं के लिए परेशान करने वािे हो सकते हैं और ऑडर्बि द्वारा समगथवत नहीं ककए जाते हैं। श्रोता को वववेक से काम िेने की दृढ़ता से सिाह दी जाती है।
This is a Hindi adaptation of J.P. Pomare's 'Tell Me Lies'
Please note: This audiobook is in Hindi.