• Baat - Mulakaat

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Baat - Mulakaat

著者: Suno India
  • サマリー

  • जैसा की नाम से जाहिर हे, इस पॉडकास्ट सीरीज में होंगी बातें और मुलाकातें। बातें उन मुद्दों पे जो ज़रूरी हैं लेकिन जिस पर अक्सर बातें नहीं होती या होती हैं तो न के बराबर। बातें उन मुद्दों और विषयों पर भी जिनके बारें में आप जानना चाहते हैं, लेकिन आपको पता नहीं किससे पूछे और किससे बात करें।

    सुनो इंडिया के इस सीरीज़ "बात-मुलाक़ात" में हम आपकी करवाएंगे मुलाकात ऐसे एक्सपर्ट्स और जानकारों से जो दे सकें आपके सवालों का जवाब और जिनके साथ हो सके ज्वलंत और ज़रूरी मुद्दों पर बातचीत।

    (As the name suggests, this podcast series will feature conversations and meetings. Conversations on issues which are important but not discussed often. Conversations on topics that you want to know more about, but are not sure about whom/where to ask.

    Do tune in to Baat MulaKaat, where you will get to meet and hear experts who can answer these questions and clarify your doubts.)

    2024 Suno India
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あらすじ・解説

जैसा की नाम से जाहिर हे, इस पॉडकास्ट सीरीज में होंगी बातें और मुलाकातें। बातें उन मुद्दों पे जो ज़रूरी हैं लेकिन जिस पर अक्सर बातें नहीं होती या होती हैं तो न के बराबर। बातें उन मुद्दों और विषयों पर भी जिनके बारें में आप जानना चाहते हैं, लेकिन आपको पता नहीं किससे पूछे और किससे बात करें।

सुनो इंडिया के इस सीरीज़ "बात-मुलाक़ात" में हम आपकी करवाएंगे मुलाकात ऐसे एक्सपर्ट्स और जानकारों से जो दे सकें आपके सवालों का जवाब और जिनके साथ हो सके ज्वलंत और ज़रूरी मुद्दों पर बातचीत।

(As the name suggests, this podcast series will feature conversations and meetings. Conversations on issues which are important but not discussed often. Conversations on topics that you want to know more about, but are not sure about whom/where to ask.

Do tune in to Baat MulaKaat, where you will get to meet and hear experts who can answer these questions and clarify your doubts.)

2024 Suno India
エピソード
  • कामगारों को कैसे निराश कर रही है भारत की गिग इकॉनमी?
    2024/06/13

    भारत में गिग इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन गिग वर्कर्स को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनपहल नाम की संस्था ने गिग वर्कर्स पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है जिसमें उनके काम के प्रति दृष्टिकोण को दिखाया गया है। यह रिपोर्ट इन प्रमुख समस्याओं पर विशेष रूप से बात करती है:

    - दिन भर में लंबे समय तक काम,

    - कम कमाई,

    - प्लेटफॉर्म्स द्वारा आईडी की मनमानी ब्लॉकिंग,

    - सालों काम करने के बाद भी कर्मचारी का दर्जा न होना और शारीरिक व मानसिक तनाव।

    इन समस्याओं को गहराई से समझने के लिए, बात मुलाकात के इस एपिसोड में स्नेहा रिछारिया ने इस रिपोर्ट की लीड ऑथर वंदना वासुदेवन से बात की। वह इस बारे में बात करती हैं कि कैसे देश में शिक्षित युवा आजीविका के विकल्प के रूप में केवल गिग वर्क पर निर्भर हैं।

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    38 分
  • 'पढ़ने की आदत भी एक अधिकार है'
    2024/04/29

    2024 लोक सभा चुनाव के पहले फ्री लाइब्रेरीज़ नेटवर्क ने 'द पीपल्स नेशनल लाइब्रेरी पॉलिसी 2024' का एक ड्राफ्ट जारी किया है। इसका मकसद पुस्तकालयों के लिए मानक निर्धारित करना है। फ्री लाइब्रेरीज़ नेटवर्क पूरे दक्षिण एशिया में 250 से अधिक लाइब्रेरीज का एक नेटवर्क है। इस ड्राफ्ट में पुस्तकालयों तक निःशुल्क पहुँच की बात की गयी है। लाइब्रेरीज को बनाना और मेन्टेन करना वर्तनाम में स्टेट लिस्ट का हिस्सा है। जिला स्तर पर पब्लिक लाइब्रेरीज चलती हैं लेकिन इस ड्राफ्ट में पढ़ने की आदत को अधिकार आधारित दृष्टिकोण से देखा गया है।

    जतिन ललित उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने लगभग तीन साल पहले अपने गाँव में 'बाँसा कम्युनिटी लाइब्रेरी' की शुरुआत की थी। जतिन पेशे से वकील हैं और फ्री लाइब्रेरीज़ नेटवर्क के महासचिव भी हैं। बात मुलाक़ात के इस एपिसोड में स्नेहा रिछारिया ने पीपल्स नेशनल लाइब्रेरी पॉलिसी ड्राफ्ट के साथ-साथ जतिन से 'बाँसा लाइब्रेरी' की शुरुआत, गाँव में पढ़ने की आदत और भारत के वर्तमान लाइब्रेरी परिदृश्य पर बात की।

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    30 分
  • छत्तीसगढ़ के हसदेव अरंड जंगल में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं ये आदिवासी?
    2024/02/01

    21 और 22 दिसंबर 2023 को, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अधिकारियों ने हसदेव अरंड जंगल में कोयला खदानों के दूसरे चरण के विस्तार के लिए सैकड़ों हेक्टेयर ज़मीन में हजारों पेड़ों को काट दिया। पिछले एक दशक से आदिवासी छत्तीसगढ़ में 1,500 किमी से अधिक क्षेत्र में फैले हसदेव अरंड जंगलों को बचाने के संघर्ष का हिस्सा रहे हैं। यह क्षेत्र भारत के आदिवासी समुदायों का घर है, जहां घने जंगलों के नीचे अनुमानित पांच अरब टन कोयला दबा हुआ है।

    "बात मुलाकात" के इस एपिसोड में, सुनो इंडिया की स्नेहा रिछारिया आलोक शुक्ला से बात करती हैं, जो छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक हैं और एक दशक से हसदेव आंदोलन से जुड़े हुए हैं।

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    21 分

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