エピソード

  • Pepsi के पास पनडुब्बियां और जंगी जहाज़ कैसे आए?: इति इतिहास, Ep 195
    2025/04/20
    कोल्ड ड्रिंक तो पी ही होगी, लेकिन क्या आपको पता है कि इसी कोल्ड ड्रिंक की एक कंपनी के पास कभी पनडुब्बियां और जंगी जहाज़ भी थे? हां, कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ और अमेरिका की तनातनी के बीच एक अनोखा सौदा हुआ, जिसने पेप्सी को बना दिया इन पनडुब्बियों और जहाजों का मालिक. सुनिए 'इति इतिहास' में.

    साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
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    3 分
  • बीवियां छोड़कर अपने कुत्तों के साथ भागने वाला नवाब: इति इतिहास, Ep 194
    2025/04/19
    जूनागढ़ की रियासत के आखिरी नवाब को कुत्ते बहुत पसंद थे. मतलब कुछ ज़्यादा ही पसंद. उनके पास 1 या 2 नही, बल्कि कुल 800 कुत्ते थे. इतना ही नही, हर कुत्ते को एक पर्सनल कमरा, एक अटेंडेंट और इमर्जेंसी के लिए एक टेलीफ़ोन मिला हुआ था. लेकिन ये भी उनके Obsession की झलकी भर है. जानिए पूरा किस्सा ‘इति इतिहास’ में
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    2 分
  • जिससे जंग चल रही थी, उसी को ग्रीस ने गोलियां क्यों भेजीं?: इति इतिहास, EP 193
    2025/04/13
    अमूमन किसी जंग में दो पक्ष एक दूसरे पर हथियारों की बौछार करते हैं. ऐसी ही एक जंग के दौरान ग्रीस और तुर्की ने भी करने का सोचा था. लेकिन हालात कुछ और ही हो गए. ग्रीस ने तुर्की को गोला-बारूद तोहफे में भेज दिए मगर क्यों? सुनिए ‘इति इतिहास’ में.
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    2 分
  • एक चिट्ठी की बदौलत कैसे आ गए ट्रेनों में टॉयलेट्स?: इति इतिहास, EP 192
    2025/04/12
    पुराने ज़माने में न सोशल मीडिया था, न मोबाइल. किसी दोस्त का हाल जानना हो या ऑफिस का काम निपटाना हो, तो चिट्ठी ही सबसे बड़ा सहारा थी. लेकिन एक बार एक ऐसी चिट्ठी लिखी गई, जो सिर्फ बात करने के लिए नहीं थी बल्कि उसने इतिहास ही बदल दिया. इस चिट्ठी की वजह से आज भारतीय रेल की हर बोगी में शौचालय मौजूद हैं. है न हैरानी की बात? कटहल की सब्जी, तेज़ गर्मी और लंबे सफर के इस कॉम्बिनेशन ने एक मुसाफिर को मजबूर कर दिया कि वो अपनी तकलीफ रेलवे को लिख भेजे. उसने जो चिट्ठी भेजी, वो इतनी असरदार थी कि रेलवे को आखिरकार ट्रेनों में टॉयलेट बनवाने पड़े. सुनिए ‘इति इतिहास’ में.
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    2 分
  • चीन में क्यों होने लगी थी आम की पूजा?: इति इतिहास, Ep 191
    2025/03/30
    फलों का राजा आम तो हमेशा से लोगों की पसंद रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब चीन में आम सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन गया. पूरे देश पर जैसे आम का बुखार चढ़ गया—लोगों ने इसे पूजना शुरू कर दिया, और अगर किसी ने इसकी ठीक से हिफाज़त नहीं की, तो उसे सज़ा तक झेलनी पड़ती थी. सुनिए ‘इति इतिहास’ में.

    साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
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    3 分
  • दिल्ली की अज़ीम 'कुतुब मीनार' ने कैसे पाया अपना नाम?: इति इतिहास, Ep 190
    2025/03/29
    आपने दिल्ली की कुतुब मीनार तो देखी ही होगी. दिल्ली सल्तनत के इतिहास की कहानी कहती इस मीनार के बारे में कहा जाता है कि इसका नाम सल्तनत के पहले सुल्तान कुतुब उद दीन ऐबक के नाम पर रखा गया. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? इति-इतिहास के इस एपिसोड में वो किस्सा, जिसमें छुपा है इस सवाल का जवाब.
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    2 分
  • दुनिया भर के प्रदर्शनों में दिखने वाले इस मास्क की कहानी क्या है?: इति इतिहास, Ep 189
    2025/03/23
    इंग्लैंड की संसद को उड़ाने की नाकाम कोशिश करने वाले गाय फॉक्स का नाम इतिहास में एक गद्दार के रूप में दर्ज हुआ, लेकिन विडंबना देखिए—उसी चेहरे ने क्रांति और विरोध का सबसे बड़ा मास्क बना दिया. 'V for Vendetta' से लेकर हैकिंग ग्रुप Anonymous तक, हर आंदोलन में जलती हुई मशाल की तरह इस मास्क को उठाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की असली कहानी क्या है? कैसे एक असफल विद्रोह पूरी दुनिया में विरोध की पहचान बन गया? सुनिए ‘इति इतिहास’ में गाय फॉक्स की कहानी.

    साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
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    3 分
  • सम्राट नेपोलियन को चेस में हराने वाली 'चेसमास्टर' मशीन!: इति इतिहास, Ep 188
    2025/03/22
    आजकल AI से क्या कुछ मुमकिन नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से 250 साल पहले एक मशीन थी, जिसने फ्रांस के सम्राट नेपोलियन को भी चेस में पछाड़ा था. अब ये कोई करिश्मा था या फिर कोई गड़बड़-घोटाला? 'इति इतिहास' के इस एपिसोड में सुनिए यही किस्सा
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