• Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 19

  • 2024/11/08
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Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 19

  • サマリー

  • इस वीडियो में श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 18 के श्लोक 19 का संस्कृत पाठ, हिंदी अनुवाद और उसकी व्याख्या दी गई है। भगवान श्रीकृष्ण इस श्लोक में बताते हैं कि ज्ञान, कर्म, और कर्ता को तीन गुणों—सत्त्व, रजस और तमस—के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। वह अर्जुन से कहते हैं कि इन गुणों के भेद को ध्यान से समझे, क्योंकि ये गुण हमारे कर्मों और जीवन के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
    In this video, we present the Sanskrit text, Hindi translation, and explanation of Shloka 19 from Chapter 18 of the Bhagavad Gita. Lord Krishna explains that knowledge, action, and the doer are classified based on the three qualities—Sattva, Rajas, and Tamas. He urges Arjuna to understand these distinctions carefully, as they shape our actions and worldview.

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あらすじ・解説

इस वीडियो में श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 18 के श्लोक 19 का संस्कृत पाठ, हिंदी अनुवाद और उसकी व्याख्या दी गई है। भगवान श्रीकृष्ण इस श्लोक में बताते हैं कि ज्ञान, कर्म, और कर्ता को तीन गुणों—सत्त्व, रजस और तमस—के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। वह अर्जुन से कहते हैं कि इन गुणों के भेद को ध्यान से समझे, क्योंकि ये गुण हमारे कर्मों और जीवन के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
In this video, we present the Sanskrit text, Hindi translation, and explanation of Shloka 19 from Chapter 18 of the Bhagavad Gita. Lord Krishna explains that knowledge, action, and the doer are classified based on the three qualities—Sattva, Rajas, and Tamas. He urges Arjuna to understand these distinctions carefully, as they shape our actions and worldview.

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