エピソード

  • आज सालनी जो की प्राइमरी स्कूल की मैथ्स की टीचर है अपने छोटे छोटे प्यारे से बच्चो को जो सेकं
    2021/03/05
    आज सालनी जो की प्राइमरी स्कूल की मैथ्स की टीचर है अपने छोटे छोटे प्यारे से बच्चो को जो सेकंड क्लास के बच्चे हैं एडिसन का चैप्टर का rivision करवाना था सलनी बहुत ही अच्छी, अनुभवी और एक परफेक्ट टीचर हैं अपने सब्जेक्ट को पढ़ने में उसको महारथ हासिल है वह जो एक बार पढ़ा देती है वह बच्चे जल्दी से भूल ही नहीं सकते क्लास में अन्दर आते ही सालनी ने बच्चों को अपनी अपनी बुक्स और नोटबुक्स निकलने के लिए कहा सभी बच्चे लगभग सात या आठ साल के होंगे सभी ने टीचर की बात को मानते हुए अपनी अपनी बुक और नोट बुक्स डेस्क पर निकल ली अब टीचर ने पढ़ना शुरू किया सात वर्षीय परुली को टीचर ने पूछा, "परुली अगर मैं तुमको एक सेब और एक सेब और एक सेब दूं, तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेगे ?" कुछ सेकंड अपनी नन्ही नन्ही उँगलियों पर गन्ना करने के बाद परुली ने बहुत ही आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया, मैडम "चार!" सालनी एक सहज सही उत्तर की उम्मीद कर रही थी जो की तीन होता पर वह परुली के उत्तर से निराश हो गई। "शायद परुली ने ठीक से नहीं सुना।" - उसने सोचा। सालनी ने फिर से दोहराया, “परुली, ध्यान से सुनो। अगर मैं तुमको एक सेब और एक सेब और एक सेब दूं, तो आपके पास कितने सेब होजाएंगे ? ” परुली ने अपने मैडम के चेहरे पर निराशा देखी थी। उसने अपनी उंगलियों पर फिर से गिनती की। लेकिन मन ही मन वह भी वही उत्तर खोज रही थी जो उसकी सबसे पसंदीदा मैडम को खुश करदे । थोडा लम्बे इन्तेजार के बाद परन्तु इस बार झिझकते हुए उसने फिर से जवाब दिया, "मैडम चार सेब ।" सालनी जो की बहुत ही अच्छी टीचर है के चेहरे पर फिर से निराशा छा गई। तभी सलनी को याद आया कि परुली को स्ट्रॉबेरी बेहद पसंद है। इस बार फिर से टीचर ने उत्साह दिखाते हुए और अपनी आँखों को टिमटिमाते हुए परुली को थोडा सहज महसूस करते हुए फिर से उसने पूछा, "अगर मैं तुमको एक स्ट्रॉबेरी और एक स्ट्रॉबेरी और एक स्ट्रॉबेरी और दे दूं, तो तुमको पास कितनी स्ट्राबेरी होंगी?" टीचर को खुश देखकर, छोटी से परुली ने अपनी उंगलियों पर फिर से पूरे उत्साह और ध्यान से गिनती की। इस बार परुली कोई दबाव नहीं महसूस कर रही थी क्युकी उसकी प्यारी सी मैडम का मूड बहुत अच्छा है , लेकिन सालनी थोड सी चिंतित और दबाव महसूस कर रही थी वह सोच रही थी कि क्या उसका पढ़ने में कहीं कोई कमी रह गई है और क्या ...
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    6 分
  • मधु और रोमा
    2021/02/17
    मधु और रोमा की सच्ची दोस्ती।
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    13 分
  • ज्योति के साथ अजय ने धोका किया जिस से वह बहुत प्यार करती थी
    2021/02/12
    ज्योति बहुत टूट गयी थी वह जीना छोड़ चुकी थी कि तभी उसके साथ हुए एक हादसे ने उसे फिर से जीवन जीना सिखाया
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    12 分
  • भारत सिंह नेगी के अदम्य साहस की कहानी जो कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार उनकी कैद से मुक्त हो अपने देश
    2021/02/06
    भारत सिंह नेगी के अदम्य साहस की कहानी जो कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार उनकी कैद से मुक्त हो अपने देश वापस लौट आया। इस दौरान उसे दो गोलियां भी लगी एक उसके कंधे पर और एक उसकी गर्दन पर।
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    18 分
  • ये कहानी है स्तुति है की स्तुति बहुत ही सुन्दर गोरी और लम्बी लड़की है जो भी उसे देखता है तो देखता ही
    2021/01/31
    ये कहानी है स्तुति है की स्तुति बहुत ही सुन्दर गोरी और लम्बी लड़की है जो भी उसे देखता है तो देखता ही रह जाता है माँ और पिता पढाई का महत्वा जानते हैं इसलिए बहुत कठिन प्रयास कर अपने तीनो बच्चों को पढ़ा रहे हैं स्तुति MA में है और उसके छोटे भाई बहन १० वीं और १२ वीं में हैं स्तुति के पिता किसान हैं और माँ गृहणी हैं आज पिता माँ का सोने का गुलोबंद जो की लगभग 1 साल से गिरवी था छुड़ा लायें है पिता ने खेती के लिए गुलोबंद को गिरवी रखा था माँ को अपना गुलोबंद बहुत पयारा है माँ उसे देखा बहुत खुश हुयी उनके पास एकमात्र यही आभूषण असली है बाकि सब नकली हैं. पिता माँ से बात कर रहे थे इस बार बहुत कम बारिश की वजह से जंगली जानवरों ने जंगल छोड़ खेतों की और रुख कर लिया है और फसल को बहतु नुकसान पहुँचा रहे हैं इस बार खेत पर और अधिक रखवाली करनी होगी स्तुति को इस बात की बहुत पीड़ा है की वह एक गरीब परिवार में पैदा हुई है उसके मित्र रोज कॉलेज में बहुत ही स्टाइलिश और अच्छे कपडे पहन कर आते है हैं और वह मजबूरी के चलते कॉलेज की ड्रेस जो की सफ़ेद सलवार कुरता पहनना पड़ता है हालाँकि की स्तुति अपने कॉलेज ड्रेस में भी बहुत सुन्दर लगती है पर फिर भी उसे कॉलेज की ड्रेस बिलकुल भी पसनद नहीं वह भी अपने दोस्तों की तरह जीन्स,टॉप और बूट पहनना चाहती है उसके सभी दोस्तों के पास स्मार्ट फोन हैं और उसके पिता ने उसे एक सामान्य सा फ़ोन दिया है जो केवल कॉल करने के कम ही आता है इसलिए स्तुति उसे अपने बैग में छुपा कर और म्यूट कर के रखती है उसे उसे इस्तेमाल करने में बहतु शर्म अति है उसके कभी फ़ोन करना भी होता है तो वह दोस्तों के फ़ोन से कॉल कर लेती हैं उसके किसी भी दोस्त को नहीं पता की स्तुति के पास फ़ोन भी है पढाई में स्तुति अपने कॉलेज में सब पर भरी थी वह अपने क्लास की सबसे होनहार बालिका है एक बार की बात है की कॉलेज की तरफ एक एजुकेशन टूर देहरादून जाना था कॉलेज में प्रोफेसर ने बताया की उन्हें अपने कॉलेज ड्रेस के अलावा दुसरे कपडे भी साथ रखने होंगे साथ ही एजुकेशन टूर के दौरान जो कुछ भी देखो उसकी फोटो और विडियो रिकॉर्डिंग भी करनी है जिसे से की वापस लौटने के बाद आप अपनी रिपोर्ट बना और जमा करवा सको जिसके आपको अंक प्राप्त होंगे स्तुति बहुत खुश हो गयी उसका सपना देहरादून देखने का तो था ही और वेसे भी यह ...
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    15 分
  • अभी मै जानती हूँ तुम बहुत परेसान हो प्रिया अभिमन्यु को अभी कह कर बुलाती है मै तुम्हे और परेसान तो
    2021/01/27
    अभिमन्यु बहुत तेज दौड़ रहा था आज कुछ भी हो जाये उसे उस दौड़ में सबसे आगे रहना ही है नहीं तो उसका जीवन का लक्ष्य उसके हाथ से निकल जायेगा वेसे भी यह उसका अंतिम अवसर है उसके ऊपर उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी है यदि आज वह इस दौड़ से बहार हो जाता है तो उसके भाई बहन की पढाई लिखाई का क्या होगा माँ का क्या होगा, उसके सपने और हाँ उसकी दोस्त प्रिया जिससे से उसने जीवन संगनी बनाने का वादा किया है उसका क्या होगा अभिमन्यु का सपना फोजी ड्रेस पहन अपने देश की सेवा करने का है वह बचपन से ही इसके सपने देखता आया है और इसके अलवा कुछ नहीं यदि वह भरती हो जाता है तो उसका सपना ही नहीं पूरा होगा अपितु उसकी सारी समस्याओं का भी समाधान हो जाये गाय उसने इससे पहले भी फोज में भारती होने के लिए तीन बार दौड़ लगाई थी परन्तु दौड़ में नहीं निकल पाया था फोज में सिपाही भारती होने की अधिकतम उम्र सीमा 21 साल है इसके बाद अभिमन्यु की उम्र २१ पार हो जाएगी और फिर वह फोज मै भरती नहीं हो पायेगा और इतना समय उसके परिवार के पास नहीं की वे किसी और नौकरी के लिए इन्तेजार कर सकें दोड़ते हुए अभिमन्यु के दिमाग में न जाने ऐसे कितने विचार बिजली की गति से चल रहे थे ये कहानी है अभिमन्यु की वह पहाड़ के गाँव में रहता है वह बी0ए0 फाइनल इयर में है वेसे तो पारिवारिक रूप से एक सामान्य परिवार से ही है पिता जो पहले नौकरी करते थे अब इस दुनिया में नहीं रहे परिवार में माँ, छोटी बहन और एक भाई है हो अभी पढ़ रहे हैं जब तक पिता जीवत थे तो घर का गुजरा उनकी कमाई से हो ही जाता था उसके पिता को गुजरे अभी 6 महीने हुए हैं उनका पूरा परिवार उन्हें बहुत यद् करता है उनकी मृत्यूं के बाद से उनकी आर्थिक स्तिथि बहुत दयनीय हो गयी है सुभ सुभ अभी अभिमन्यु और सभी भाई बहन सो कर ही उठे है तभी उसकी छोटी बहन जो 5 क्लास में पड़ती है बोली भय्या क्या पापा अब कभी भी नहीं आएंगे? क्या हम उनसे मिलने नहीं जा सकते ? क्या पापा को हमारी याद नहीं अति होगी ? पापा तो बोलते थे की मै उनकी परी हूँ फिर वो हम सब को अकेला छोड़ क्यूँ चले गए ? मुझे तो उनकी बहुत याद आती है और रोने लगी अभिमन्यु के पास आँखों में आंसुओं के अलाव कोई जवाब नहीं था उसने अपनी छोटी बहन के आँखों में आ रहे आंसुओं को पोंचा और उसको गले लगा लिया वह अभी कुछ बोल उसे टहलना ही चाहता था की उसने फिर ...
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    10 分
  • माँ बचाओ बिदिया बस इतना ही बोल पाई थी की भालू ने बिदिया को सोलटा और उसके कपड़ों सहित पकड़ अपनी
    2021/01/22
    सरुली बहुत तेजी से भागीती हुयी गाँव के चोक तक पहुंची और हांफते हुए चिलाने लगी बिदिया को भालू ने उठा लिया है जल्दी चल कर उसे बचाओ नहीं तो वो उसे मार देगा जल्दी कुछ करो जल्दी बचा लो बिंदिया को ये कहानी हैं जोशीमठ के एक गाँव की यह गाँव जोशिमठ बाजार से थोड़ी ही दुरी पर है गाँव के अधिकतर लोग खेती करते हैं और पशु पालते हैं और पशुवों के लिए चारे के लिए जंगल में उग रही घास और पत्तियों पर निर्भर रहते हैं अधिकतर सभी घास लेने के लिए महिलाएं ही जंगल जाती हैं बिंदुली बहुत ही होनहार बालिका है वह अभी B.Sc फाइनल इयर में पढ़ती है और जिस दिन कॉलेज की छुट्टी होती है उस दिन माँ को मदद करने के लिए माँ के साथ घास लेने उनके साथ जंगल चली जाती है एक दिन की बात है जब कॉलेज की छुट्टी थी तो बिंदुली अपनी माँ और अन्य महिलाओं के साथ घास लेने के लिए जंगले गयी हुई थे एकसाथ जंगल जाने में कई फायदे होते हैं एक तो साथ बना रहता है काम में मन लगा रहता है और क्यूंकि की जंगल में कभी कभी जंगली जानवरों जैसे गुलदार, बाग़ आदि से सामना होता है तो वो ज्यादा लोगों को देख भाग जाते हैं जंगल गाँव से लगा हुवा था बस मुस्किल से 500 मीटर की चढाई के बाद उन सभी ने घास काटना शुरू कर दिया कुछ आपस में बात कर रहे थे कुछ मस्ती में पहड़ी गीत गाते हुए घास काट रहे थे बिंदिया और उसकी माँ गदरे के किनारे गदेरा जो की पहड़ी नाला है के पास में ही एक दुसरे से थोड़ी दुरी पर ही घास काट रहे थे बिंदिया घास काट काट कर अपनी पीठ पर लगी बांस की लम्बी से टोकरी जिसे सोलटा बोलते हैं उसमें डालने में व्यस्त थी की अचानक बिंदिया के सामने एक भालू आ गया माँ बचाओ माँ बचाओ बिदिया बस इतना ही बोल पाई थी की भालू ने बिदिया को सोलटा और उसके कपड़ों सहित पकड़ अपनी गुफा में खींच लिया और उसे अन्दर छोड़ कर खुद बहार आ कर बैठ गया बिंदिया चिलाने के अलावा कुछ नहीं कर पाई अचानक हुए इस हमले में बिंदिया की घास काटने की दरांती भी हाथ से छूट गयी थी भालू ने इतनी फुर्ती से या काम किया था मेरी बेटी को भालू खींच कर अपनी गुफा में लगाया कोई बचाओ मेरी बेटी को कोई बचाओ मेरी बेटी को माँ भी चिल्लाने के सिवाय कुछ नहीं कर पाई पहाड़ों में रहने वाले अधिकतर लोग जंगली जानवरों के हमले में सबसे जयादा भालू के द्वारा किये गए हमले में ही घायल होते हैं गुफा के बहार धुप ...
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    12 分
  • राणा को धुंदली सी याद है जब उसके पिता उसे टैक्सी स्टैंड पर बिठा चॉकलेट लेने गए और फिर कभी नही लौटे।
    2021/01/16
    राणा को बहुत धुंदली से याद है वह बरसात का मौसम था जब उसके पापा उसको उस छोटे से कसबे के टैक्सी स्टैंड के पास बैठा कर उसे यह बोल गए थे की वो अभी आ रहे हैं उसके लिए चोलेट लेकर और फिर वे कभी नहीं लोटे माँ की भी उसे धुंदली सी याद है की बहुत बीमार थी जब बहुत सारे लोग उने अपने कंधे में उठा शायद शमसान ही ले गए होनगे वह तब बहुत छोटा था पापा ने दूसरी शादी करने के चलते उसे शायद त्याग दिया था शायद उसकी उम्र 5 या 6 साल की रही होगी जब बहुत देर तक उसके पापा उसे लेने नहीं आये तो राणा रोने लगा तब वहां मौजूद किसी ने भी उससे सहानुभूति नहीं दिखाई और उसे मुसीबत समझ उसे सके हाल पर ही छोड़ दिया परन्तु वहां एक भिखारी था जिसे शायद उस पैर दया आई थी या वह चाहता था की उसके बुढ़ापे में कोई तो उसका सहारा हो तो उसने उसे कुछ समय के लिए पाला था कुछ समय के लिए इस लिए क्यूंकि 8 साल बाद उस भिखारी की अधिक बूढ़े होने के कारन म्रत्यु हो गयी भिखारी के मरने से राणा की स्तिथि में बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा क्यूंकि राणा तब भी अपना खाने पीने के लिए बाज़ार के होटले में बर्तन ढोने और ग्राहकों को चाय देने का कम करता था हां खाना वो केवल दो समय ही खता था दोपहर और शाम को होटल मे शुरू में तो सब उसे छोटू ही बुलाया करते थे एक दिन की बात है की जब वह छुट्टी के दिन जब सारा बाज़ार बंद रहता है वह घूम रहा था तो उसने देखा की छोटा सा घोड़े के बच्चा गड्डे में फसा हुवा है और उसका एक पैर बहुत जख्मी है उसने उस घोड़े के बच्चे को बहार निकला और अपने साथ ले आया उसने नहीं पता था की होटले का मालिक उसको क्या तनखा देता था क्यूंकि वह तो वह भिखारी ले लिया करता था और जब उसके तनखा के पैसे भिखारी को मिलते थे तो पास के गाँव में बन्ने वाली कच्ची शराब राणा से मंगवा कर पिया करता था भिखारी के मरने के बाद उसको विरासत में वह जगह जरूर मिल गयी थी जहाँ वह रहता था आज राणा बहुत खुश है क्यूंकि उसके होटल मालिक ने उसको तनख्वा के रूप में उसे तीन हजार रूपये दिए इतने पैसे राणा ने इससे पहले कभी भी नहीं देखे थे उसने अपने लिए अच्छे कपडे खरीदे और एक अच्छे से जूते जब से वह घोड़े का बाचा राणा के पास आया था राणा को हमेसा एक अच्छा अहसास और सकून मिलता था बात भी सही थी जब से वह घोडे का बच्चा आया था उसके जिदगी में सकरात्मक बदलाव आते रहे वह भिखारी की ...
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    14 分